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पानीपत में स्थापित दुर्लभ व बहूमूल्य कसौटी स्तंभों का कैराना से संबन्ध



सतून जो कभी कैराना में थे
बहुत समय से समुद्र में जलमग्न जलयान को सम्राट जहाँगीर के चतुर मन्त्री नवाब मुकर्रब खाँ कैरानवी ने किस कूटनीति का प्रयोग करके डूबे जलयान से सामान प्राप्त किया था यह आज भी रहस्य है, क्योंकि उस समय तक समुद्र में विचरने के आधुनिक उपकरणों का चलन नहीं हुआ था। नवाब साहब उस समय गुजरात के गवर्नर थे यह जलयान सूरत बंदरगाह पर डूबे हुए थे। प्राप्त सामान में बहूमूल्य व दुर्लभ कसौटी पत्थर के स्तंभ भी थे, सभी सामान को सम्राट ने नवाब को ही भेंट स्वरूप दे दिया था जिन्हें नवाब ने कलंदर शाह पानीपती के मज़ार पर चढ़ा दिये थे। सौभाग्य से अच्छे प्रबन्ध के कारण जो आज भी सुसज्जित हैं।

नवाब मुकर्रब खां के मजार के कोने पर  आने वाले मौसम का  रंगो से अनुमान लगाने वाले पत्‍थर
कसौटी पत्थर के पानीपत पहुँचने सम्बन्धित कैराना की ऐतिहासिक पुस्तकों में लिखा है कि जब सम्राट जहाँगीर ने कैराना के नवाब को यह स्तंभ सहित सामान भेंट किया तब वह इसके महत्व से अपरिचित था, किसि दरबारी के बताने पर उसने नवाब के नाम आदेश भेजा कि कसौटी पत्थर के स्तंभों को हमें भेज दिया जाय। तब संदेश से पहले ही नवाब के शुभचिंतक ने आदेश से अवगत करा दिया था, नवाब का रत्नों से बहुत लगाव था विशेष रूप से इन स्तंभों से, जिसे उन्हें बडी चतुरता से अपने निकट ही रखने की युक्ति निकाल ली, रात्री में ही यह स्तंभ उखड़वाकर कलंदर साहब के मज़ार में स्थापित करा दिये गये, जब आदेश आया तो उत्तर में लिख दिया कि आपके आदेश आने से पहले ही स्तंभ कलंदर शाह पानीपती के मज़ार में स्थापित करा चुका हूँ, आदेश हो तो उखडवाकर भेजे जायें। सम्राट की क्या मजाल कि मज़ार से स्तंभ उखड़वाये। इन्हीं स्तंभों जैसे स्तंभ उसी स्थान पर नवाब ने अपने तालाब किनारे के महल के चबूतरे पर लगवाये जो अब गिरे कि तब गिरे की अवस्था में हैं। सौभागय से नवाब मुकर्रब खाँ के सुपुत्र हकीम रिज़कुल्लाह खाँ कैरानवी भी रत्नों के ज्ञानी थे उन्होंने पिता का मज़ार कलंदर साहब के पास ही बनवाया जिसमें बहूमूल्य रत्न ज़हर मोहरा का प्रयोग किया गया है व बाहरी दीवारों पर कई प्रकार के पत्थर लगवाये एवं ऐसे पत्थर भी लगवाये जिनसे ऋतु (मौसम) का पूर्व ही अनुमान लगया जा सके लेकिन इस युग में हम आधुनिक साधन सम्पन्न रत्न ज्ञान से अपरिचित हैं जिस कारण यह दुर्लभ पत्थर भी साधारण बन कर रह गये हैं। नवाब के सुपुत्र ने कई जगह नवाब मुकर्रब खाँ कैरानवी शिलापट पर लिखवाया है यह शोध करने योग्य है कि जाने क्यों कैराना में नवाब मुकर्रब अली खाँ प्रचलित है जबकि जहाँगीर ने उनको ‘‘मुकर्रब खाँ’’ (अति निकट) की उपाधि दी थी।
बूअली शाह का मज़ार, कसौटी स्तंभ, नवाब मुकर्रब खाँ का मज़ार एवं मौसमी पत्थर के चित्र  देख सकते हैं।
Nawab Muqarrab Khan ki Qabar
नवाब तालाब में इस जगह कसौटी के सतून लगे थे चित्र में मुहम्‍मद उमर कैरानवी और डाक्‍टर सलीम फारूकी
नवाब तालाब पर थे कसौटी के सतून (स्तंभ)
mazar Nawab Muqarrab Khan kairanvi

नवाब के किसी रिस्‍तेदार की यह कबर जहर मोहरा के पत्‍थर से बनायी गयी है

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